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खंड विकास अधिकारी मांधाता पर कर्मचारियों व प्रधानों ने अवैध वसूली करने का लगाया आरोप

पंचायत सचिवों ने बीडीओ पर मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाते हुए की तबादले की मांग.
अवैध धन न देने पर जाँच के नाम से परेशान करने का प्रधानों ने लगाया आरोप.

आरपीबी ब्यूरो

प्रतापगढ़। बीते कई दिनों से अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चा में रहने वाली मान्धाता ब्लाक बीडीओ श्रुति शर्मा पर मनमानी और भ्रष्टाचार आरोप लगा है।सबसे खास बात यह है कि प्रधानों के साथ यहां तैनात सचिवों द्वारा भी विकासखंड अधिकारी पर अनर्गल रूप से मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगा है ।सोमवार सुबह ही प्रधानों ने जहां मुख्य विकास अधिकारी से मिलकर बीडीओ की शिकायत की वही पंचायत सचिवों ने जिला विकास अधिकारी को ज्ञापन देकर बीडीओ पर कमीशन के लिये अनावश्यक रूप से मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया । बीडीओ के भ्रष्टाचार से बदनाम होते मान्धाता ब्लाक को बचाने के लिए प्रधान और ग्राम विकास अधिकारीयों ने एक जुटता दिखाते हुए मुख्य विकास अधिकारी से शिकायत करते हुए इनके मातहत काम करने में अपने आपको असहज बताते हुए तबादले की मांग की है।
बीडीओ श्रुति शर्मा के मनमानी और भ्रष्टाचार से परेशान प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी विकास भवन पहुंचकर मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। मुख्य विकास अधिकारी को दिए गए ज्ञापन में नाराज प्रधानों ने कहा है कि बीडीओ श्रुति शर्मा पिछले छह माह से मान्धाता ब्लाक में कार्यरत हैं ज्वाइनिंग के बाद से ही क्षेत्र भ्रमण के दौरान ग्राम पंचायत और मनरेगा के अंतर्गत कराए गए विकास कार्यों के निरीक्षण के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है ।जिन प्रधानों और सचिव द्वारा बीडीओ के इस भ्रष्टाचार का विरोध किया जाता है उनके कार्यों में अनियमितता दर्शाकर कार्यवाही करने की धमकी दी जाती है। जबकि कराए गए किसी कार्य का भुगतान तय प्रक्रिया के तहत संबंधित जेई से एम बी तथा सेक्टर प्रभारी के रिपोर्ट के बाद ही किया जाता है ।प्रधान द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि बीडीओ जब से मान्धाता ब्लाक में आई है तब से भ्रष्ट तरीके से धनार्जन में लगी है। इसके साथ साथ ग्राम पंचायत में अपने चहेते ठेकेदारों से काम कराने और समाग्री आपूर्ति के बाध्य करती है ऐसा न करने पर ग्राम पंचायत निधि से एक निश्चित रकम की मांग की जाती है और न मिलने पर कारवाई की धमकी दी जाती है। प्रधानों ने ज्ञापन में लिखा है कि बीडीओ प्रतिदिन दो से तीन बजे के बीच ब्लाक से चली जाती है जब किसी काम को लेकर प्रधान अथवा अधिकारी संपर्क करते हैं तो दूसरे दिन मिलने की बात कहकर टाल देती है जबकि शासन की मंशा के अनुसार रात्रि विश्राम मुख्यालय पर करना चाहिए ।लेकिन ऐसा नहीं करती है जिससे ग्राम प्रधानों द्वारा क्षेत्र की समस्या के निराकरण में बिलंब होता है।अ सभी प्रधानों ने मांग करते हुए लिखा है कि बीडीओ श्रुति शर्मा का तबादला कर दिया जाए ताकि हम सभी प्रधानों को विकास कार्य बंद करने के लिए विवश न होना पड़े ।इसी तरह से मान्धाता ब्लाक के ग्राम विकास अधिकारीयों ने भी बीडीओ श्रुति शर्मा की मनमानी के खिलाफ एक ज्ञापन मुख्य विकास अधिकारी को दिया जिसमें लिखा है कि मान्धाता में कार्यरत बीडीओ श्रुति शर्मा द्वारा सभी कर्मचारी पटल सहायक, कनिष्ठ सहायक, वरिष्ठ सहायक और कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर और पंचायत सचिवों का लगातार मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। बीडीओ श्रुति शर्मा द्वारा बैठकों में अशोभनीय भाषा का प्रयोग करते हुए शासकीय कार्यों में अपेक्षित प्रगति होने के बावजूद चरित्र हनन किया जाता है और कार्य क्षेत्र में दिनभर कार्य करने के बाद अनावश्यक रूप से रात सात बजे विकास खंड मुख्यालय पर बैठक हेतु बुलाया जाता है और सम्मिलित न होने पर वेतन रोकने और विभागीय कार्रवाई की धमकी दी जाती है ।जिससे हम सभी कर्मचारी मानसिक रूप से अत्यधिक पीड़ित हो चुके हैं और अब इन परिस्थितियों में बीडीओ श्रुति शर्मा के अधीनस्थ कार्य कर पाना संभव नहीं है ।सभी ग्राम विकास अधिकारीयों ने मुख्य विकास अधिकारी को दिए ज्ञापन में लिखा है कि इस उत्पीड़न को नहीं रोका गया तो समस्त कर्मचारियों को कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होना पड़ेगा। शायद जिले में यह अब तक का पहला मामला होगा जिसमें प्रधान और अधिकारी दोनों बीडीओ के उत्पीड़न से परेशान होकर शिकायत कर रहे हैं। बीडीओ श्रुति शर्मा ने दस दिन पूर्व एक पत्रकार के साथ साथ दो अन्य लोगों पर फर्जी तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करवाया है जबकि तहरीर में शामिल व्यक्ति अपने बयान में बीडीओ श्रुति शर्मा पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है लेकिन पुलिस ने अभी तक बीडीओ पर मुकदमा दर्ज नहीं किया है।

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