पहली बार ट्रैफिक कंट्रोल करने एक साथ सड़क पर उतरी ट्रैफिक, पीआरडी, होमगार्ड और पुलिस
हाई वे पर दिन रात ड्यूटी कर रहे पचास से अधिक खाकी के लोग
शहर में जगह जगह बनाए गए हैं पुलिस के प्वाइंट, लगाई गई बैरिकेटिंग
प्रतापगढ़। इस बार का महाकुंभ पुलिस विभाग को नौकरी कैसे की जाती हैं, इसको सिखा रहा है। दफ्तरों और थानों में कुर्सी पर बैठ कर चैन की बंशी बजाने वालों को शासन ने सड़क पर उतार दिया है। तोंद फुलाए पुलिस कर्मियों की सड़क पर दौड़कर ट्रैफिक कंट्रोल करने में पैंट ढीली हो जा रही है। शहर में चुंगी से सदर मोड़ तक पचास से अधिक पुलिस कर्मी ट्रैफिक कंट्रोल को करने में लगाए गए हैं। जिसमें पुलिस के अलावा पीआरडी, होमगार्ड और ट्रैफिक विभाग के लोग दिन रात भागदौड़ कर रहे हैं। इसके अलावा आधे दर्जन से अधिक प्वाइंट बनाए गए हैं। बैरिकेटिंग अलग से की गई है। जिस पर काफी फोर्स लगाई गई है।
यह पहला अवसर है जब शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चाक चौबंद दिख रही है। थानों और चौकियों में बैठकर मलाई खाने के आदी हो चुके दरोगा और सिपाहियों के लिए ट्रैफिक की ड्यूटी करना बहुत ही अखर रहा है। इन्हें हाथ में लाल और हरी टॉर्च थमाकर वाहनों के पीछे भागने के लिए सड़क पर उतार दिया गया है। भारी भरकम शरीर वालों के लिए तो यह ड्यूटी किसी मुसीबत से कम नहीं है। लेकिन मरता क्या न करता। अफसर डंडा लिए पीछे चल रहे हैं। वे खुद भी सड़क पर पैदल चल रहे हैं।
भंडारे से भर रहे पेट
चाय, पान की दुकानों पर मुंह मारने वाले पुलिस कर्मियों को मेले में जगह जगह चल रहे भंडारे पर निर्भर होना पड़ गया है। रामलीला मैदान पर एटीएल में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। उनका कहना है कि ट्रैफिक कंट्रोल करने में सड़क से हटने का मौका मिले तब तो खाना खाएं।
वाहनों को पास करने में नहीं बरत रहे कोताही
जो लोग भी सड़क पर उतरे हैं। उनके द्वारा ट्रैफिक कंट्रोल बेहतरीन तरीके से किया जा रहा है। भंगवा चुंगी, चौक घंटाघर और सदर मोड़ पर इसकी बानगी दिखाई दी। बीच बीच में बैरिकेटिंग कर दी गई है। सिपाही हाथ में लाल और हरी टॉर्च लेकर वाहनों के कंट्रोल में मुस्तैदी दिखा रहे हैं।
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